किसका दिल रौशन हुआ, वीरान किसका हो गया

  - Armaan khan

किसका दिल रौशन हुआ, वीरान किसका हो गया
इश्क़ करके हुस्न राएगान किसका हो गया

चार दिन का सोग अपना, लम्हों की ख़ुशियाँ तेरी
बाद इसके सोचना नुक़सान किसका हो गया

कम से कम उसको मेरी सोहबत का रखना था भरम
मुझको तो हैरत है वो नादान किसका हो गया

वक़्त की बाज़ीगरी पर मिलकियत किसकी रही ?
तब्सिरा करना के क़ब्रिस्तान किसका हो गया।

सारे वादे, सारी क़समों पर ख़ुदा ग़ालिब हुआ
आप किसके हो गए ‘अरमान’ किसका हो गया

  - Armaan khan

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