मानने वाले मनाने वाले लड़के हैं हम
फिर घरों को भी चलाने वाले लड़के हैं हम
हम तुझे झूठा नहीं अपना खिलाएँगे पर
ख़ुद तेरा झूठा ही खाने वाले लड़के हैं हम
जो किए वादे वो सब तो हम निभाएँगे ही
फिर किए वादे निभाने वाले लड़के हैं हम
दोस्त को अच्छी लगी है एक लड़की फिर तो
बस उसे भाभी बुलाने वाले लड़के हैं हम
अब किसी का भी दुपट्टा हम न गिरने देंगे
हर दुपट्टे को उठाने वाले लड़के हैं हम
अब तुम्हारी याद कुछ ऐसे सँभाली हमने
रोज़ दिल अपना दुखाने वाले लड़के हैं हम
हर दफ़ा ख़ुद हार कर महबूब को ही अपने
अब ख़ुशी देकर जिताने वाले लड़के हैं हम
काम तुमसे तो कराएँगे नहीं बिल्कुल भी
पास तुमको ही बिठाने वाले लड़के हैं हम
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