सबसे ग़म अपने छिपाकर रखना
बात अपनी मुस्कुराकर रखना
आँख में काजल लगा कर रखना
तुम मुझे पागल बना कर रखना
सब बता देना मुझे पहले ही
राज़ मुझसे फिर छिपा कर रखना
मैं तेरे बस में रहूँगा बस तू
बाँहों में अपनी फसाँ कर रखना
कुछ नहीं होगा कभी मुझको पर
काला टीका तू लगाकर रखना
हर दफ़ा रिश्ता रहेगा अच्छा
तू ख़ता अपनी बता कर रखना
तू भरोसा जल्द मत कर मुझपर
पहले मुझको आज़माकर रखना
As you were reading Shayari by Manoj Devdutt
our suggestion based on Manoj Devdutt
As you were reading undefined Shayari