रोटी कपड़े मकान का चक्कर
छोड़ दे इस जहाँन का चक्कर
देख ऊपर से अपनी दुनिया को
जा लगा आसमान का चक्कर
इश्क़ करके ये सोचता हूँ मैं
जान लेले न जान का चक्कर
हर मोहब्बत के बीच आता है
ये नसब ख़ानदान का चक्कर
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