कोई मौक़ा नहीं छोड़ा किसी ने आज़माने का

  - Rohit tewatia 'Ishq'

कोई मौक़ा नहीं छोड़ा किसी ने आज़माने का
हुनर आया नहीं लेकिन हमें भी सर झुकाने का

ख़यालों में सनम दिन रात तुम आते रहे वर्ना
मेरा कोई इरादा ही नहीं था दिल चुराने का

तुम्हें देखो क़सम है अब हमें तुम सच बताओगे
तुम्हारा मन नहीं होता हमारे पास आने का ?

वो वादा तो किया करता है सबसे इश्क़ का ऐ दोस्त
मगर वादा नहीं करता कभी वादा निभाने का

नया है दौर माना पर हमारी उम्र के लड़के
अभी भी इश्क़ में रखते हैं जज़्बा जाँ लुटाने का

  - Rohit tewatia 'Ishq'

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