है हमको तुमसे मोहब्बत बता दिया हमने
हमारा फ़र्ज़ था जो वो निभा दिया हमने
तमाम वक़्त यूँ अपना बिता दिया हमने
तुम्हारा नाम लिखा और मिटा दिया हमने
ऐ मेरे ख़्वाबों की रानी तुम अब चली आओ
तुम्हारे वास्ते घर को सजा दिया हमने
कहा था यार ने इक बेवफ़ा पे नग़्मा सुना
जो नग़्मा तुम पे लिखा था सुना दिया हमने
सवाल आया था इक चाँद को बनाने का
जवाब में तेरा चेहरा बना दिया हमने
जो अपने प्यार की इक आख़िरी निशानी था
वो आज आख़िरी ख़त भी जला दिया हमने
उजाला देख के वहशत सी हो रही थी हमें
दीया यूँ ख़ेमे का अपने बुझा दिया हमने
समर के साथ मिलेगी सुकून की छाँव
शजर ये सोच के घर में लगा दिया हमने
Read Full