ग़नीमत है कि कुछ तो काम आया - Ankit Yadav

ग़नीमत है कि कुछ तो काम आया
तेरे होंठों पे मेरा नाम आया

हमीं राह–ए–वफ़ा से बच रहे थे
हमीं पर इश्क़ का इल्ज़ाम आया

तुम्हारी बे-ख़याली कह रही है
मुलाक़ातों से कुछ आराम आया

डली गुड़ की बहुत मीठी थी लेकिन
पसेरी बेच दी तो दाम आया

- Ankit Yadav
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