तुझ से कमतर चाँद का यौवन चल झूठी
देखा भी है तू ने दर्पण चल झूठी
कहती है तू बन कर साँप लिपट जाऊँ
जिस्म नहीं होता है चंदन चल झूठी
तू लड़की है अम्बर की बदली है कब
नैनों से बरसेगा सावन चल झूठी
मुझ से तेरा पहला पहला इश्क़ है ये
छोड़ चुकी है अब तक छप्पन चल झूठी
दोस्त मेरे, लाए हैं तेरा शादी कार्ड
तू भी होगी ग़ैर की दुल्हन चल झूठी
वर्ना हिज्र में झील-सी आँखें जल जाती
तू ने अश्क बहाए नौ-मन चल झूठी
मिट्टी के मटके को मिट्टी होना है
इतना ही है जीवन-दर्शन चल झूठी
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