बड़ी शराफ़त दिखाई तुमने हमारे रोने को ग़म ये दे कर - SAFEER RAY

बड़ी शराफ़त दिखाई तुमने हमारे रोने को ग़म ये दे कर
नशेड़ी सफ़ में खड़ा किया है भरी सी हाथों चिलम ये दे कर

ये ज़ेर-ओ-बम से वो साज़-ए-ख़िलक़त यूँ रक़्स मुझसे करा रहे हो
किया है चस्पा अहम को अपने हमारे सीने में ख़म ये दे कर

जो दास्तानों की दास्ताँ पे सुकूत रम्ज़ों खुले ज़ख़ीरे
तुम्हीं ने की है ये क़त्ल-ओ-ग़ारत मरे हुओं की क़सम ये दे कर

कभी कहीं पे ख़्याल आता हमें भी इंसान ही समझते
न जाने क्यों दी फ़रेबी चाहत चटाया हीरा अलम ये दे कर

ये बद-दुआ है हमारी तुमको कि क़ब्र में फ़ातिहा को तरसो
हमारा क्या है सफ़ीर-ए-ग़म हैं निकल भी जाऍं सुखम ये दे कर

- SAFEER RAY
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