रात भर दिल कई जलते होंगे - SAFEER RAY

रात भर दिल कई जलते होंगे
चाँद के क़ुर्ब में ढलते होंगे

राह-ए-दिल अश्क में खोई होगी
ख़्वाब तन्हाई में चलते होंगे

साज़ हिज्राँ के सदा-ए-ग़म में
ज़ख़्म फिर दिल के निकलते होंगे

साया-ए-गुल कभी महके होंगे
ज़िंदगी में कभी जलते होंगे

इक नई राह पे फिर से शायद
ख़्वाब आँखों में ही पलते होंगे

- SAFEER RAY
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