किसी को भूल जाने में , किसी को याद रखने में
यहाँ ये जिंदगी बीते है दिल को शाद रखने में
जमाने भर के शाइर की तरह मेरा भी किस्सा है
मगर बेबस रहा हूँ खुद की मैं रूदाद रखने में
As you were reading Shayari by Kush Pandey ' Saarang '
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