कामयाबी से फली फूली मुहब्बत है तेरी
हमसफ़र के साथ दुनिया ख़ूबसूरत है तेरी
मुख़्तलिफ़ लोगों से मिलने पर तसल्ली ही हुई
फिर पता मुझ को चला कितनी ज़रूरत है तेरी
घर चलाने के लिए कितनी मशक़्क़त ही लगे
सोच छोटी ही अगर हो वो हिमाक़त है तेरी
दोस्त है वो ही हमारा ख़ास समझो अब उसे
देख उस के भी दिल में ख़ूब इज़्ज़त है तेरी
दोस्तों के दोस्त हैं हम और दुश्मन हैं नहीं
अम्न के ही वास्ते सब को ज़रूरत है तेरी
रात दिन जो हर किसी के वास्ते मेहनत करें
इसलिए गहरे समंदर सी ही इज़्ज़त है तेरी
जंग से हैरान टैरिफ़ से परेशाँ सब हुए
एक हाथी और कुछ साथी को फ़ुर्सत है तेरी
इस नये ही दौर में देखे बहुत सुलझे हुए
है जुदा सब से 'मनोहर' वो ज़ेहानत है तेरी
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