"मेरी हस्ती"
मेरी हस्ती को दुनिया में
इस तरह से भुलाया गया
मैं कमोबेश ऐसा न था
जैसा तुमको बताया गया
दुनिया को इस तरह जानने
का जुनूँ मुझ में भी था नवी
दुनिया की नज़रों में ही मुझे
कैसे यूँ भी सताया गया
बात को दिल से भी तो कहा
जैसे हो आसमाँ झुक गया
पंख लगने लगे ख़्वाबों को
ज़हर भी वो पिलाया गया
मंज़िलें पाना आसाँ नहीं
कल को भी पाना आसाँ नहीं
सच्ची बातें नहीं चलती जब
झूठ किस्तों में लाया गया
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