माँ शारदे है बस मेरी बाक़ी सभी कुनबा तेरा

  - Nityanand Vajpayee

माँ शारदे है बस मेरी बाक़ी सभी कुनबा तेरा
पाया बहुत खोया न कुछ है लेखनी सजदा तेरा

पहले बहुत रोया किए तेरी दया पाने को माँ
अब रात दिन करता कृपा हंसासिनी ओहदा तेरा

देखे बहुत हमने नगर खोजे बहुत हमने मकाॅं
तुम ही मिली मइया मुझे हर घर मिला जलवा तेरा

दरबार में तेरे झुके दाती मिली तेरी दया
मम गीत अमृत बन बहे आशीष था अम्बा तेरा

मात्रा व वर्णों अब जगो शब्दों उठो सुर ताल में
आओ अलंकारों खिलो वाणी बजा वीणा तेरा

पिङ्गल ऋषी के सार क्षेपक को बसा मेरे हिए
गुरु के चरण में मन लगे शादाब हो बंदा तेरा

दर्शन मिले अब तो मुझे ममता मयी पद्मासिनी
उपमन्यु को अपना करो दर पे पड़ा बेटा तेरा

  - Nityanand Vajpayee

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