तेरे दर पर न आऊँ तो तुझे अच्छा लगेगा क्या
नहीं तुझको मनाऊँ तो तुझे अच्छा लगेगा क्या
तुझे अच्छे से है मालूम मैं दीवाना हूँ तेरा
ज़माने भर में जाऊँ तो तुझे अच्छा लगेगा क्या
तू मेरे दिल में रहता है मैं तेरे दिल में रहता हूँ
अगर यह सच छुपाऊँ तो तुझे अच्छा लगेगा क्या
सिवा मेरे न अब तू और को चाहेगा ये कहकर
न सबका जी जलाऊॅं तो तुझे अच्छा लगेगा क्या
मुक़द्दर में तेरे मैं और मेरे में नहीं है तू
यूँ अफ़वाहें उड़ाऊँ तो तुझे अच्छा लगेगा क्या
कन्हैया तू बहुत बाँका है चितवन भी तेरी बाँकी
न तुझपर रीझ जाऊँ तो तुझे अच्छा लगेगा क्या
तेरे गोकुल में आया तो मुझे अपना लिया तूने
न तुझको घर बुलाऊँ तो तुझे अच्छा लगेगा क्या
अगर उपमन्यु इस ब्रम्हांड का कण-कण है तेरा ही
न मैं तेरा कहाऊँ तो तुझे अच्छा लगेगा क्या
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