मुझको दिल में क्यों रखती हो
देखो तुम कैसी लड़की हो
मैं तो तुमको नइँ जीता हूँ
तो तुम मुझपे क्यों मरती हो
मेरे ख़ातिर जाँ दे दोगी
बच्चों सी बातें करती हो
तुमको ख़ुद मालूम नहीं है
तुम कितनी प्यारी लगती हो
देखो दुनिया कहाँ गई है
तुम कितनी सिंपल लड़की हो
मेरे सिर पे भूत लिखा है
तो फिर मुझसे क्यों डरती हो
देखो ये सब ठीक नहीं है
मुझसे लड़ के क्यों हँसती हो
तुमको कोई शर्म नहीं है
लड़कों से बातें करती हो
चाँद-सितारे पागल हैं सब
तुम ही इक ज्ञानी दिखती हो
सच में मैंने जान न पाया
तुम ही अच्छी क्यों लगती हो
मुझसे लड़ना बंद करो अब
मान लिया अच्छी लड़की हो
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