जब तलक प्यार चंदा से होता रहे
सूर्य तारों की बाँहों में सोता रहे
जब मिलन हो हमारा तो हो इस तरह
मेघ बरसा करें प्यार होता रहे
उसको क्या ही सुधारेगा कोई कि जो
दौर-ए-माज़ी की तस्वीर ढोता रहे
दिल्लगी में उसे क्या लगी हो भला
दिल्लगी करके बंदा जो रोता रहे
इन सितारों में भी इक सफ़र मेरा हो
दीप जलता रहे गीत होता रहे
यूँ पसीना कपालों पे आ के रुके
फूल जैसे कि शबनम को ढोता रहे
चाँद-तारों के जैसा ही हो जाता है
चाँद-तारों में अक्सर जो खोता रहे
यूँ ही बन-ठन के जी आप टहला करें
यूँ ही दीदार मुझको भी होता रहे
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