तुम हमारे लिए
तुम हमारे लिए अर्चना बन गई
हम तुम्हारे लिए एक दर्पण प्रिये
तुम मिलो तो सही हाल पूछो मेरा
हम न रो दें तो कह देना पत्थर प्रिये
प्यार मिलना नहीं था अगर भाग्य में
देवताओं ने हमसे ये छल क्यों किया
मेरे दिल में भरी रेत ही रेत थी
देके अमृत ये हमको विकल क्यों किया
अप्सरा हो तो हो पर हमारे लिए
तुम ही सुंदर सुकोमल सुघर हो प्रिये
देवताओं के गणितीय संसार में
ऐसा भी है नहीं कोई अच्छा न था
हम अगर इस जनम भी नहीं मिल सके
सब कहेंगे यही प्यार सच्चा न था
कायरों को कभी प्यार मिलता नहीं
फ़ैसला कोई ले लो कि डटकर प्रिये
मम्मी कहती थीं चंदा बहुत दूर है
चाँद से आगे हमको सितारा लगा
यूँ तो चेहरे ही चेहरे थे दुनिया में पर
एक तेरा ही चेहरा पियारा लगा
पलकों पे मेरी रखकर क़दम तुम चलो
पॉंव में चुभ न जाए कि कंकड़ प्रिये
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