तुम्हारे दिल में हमारा ख़्याल है कि नहीं
कि साथ छोड़ने का कुछ मलाल है कि नहीं
तुझे लगा था कि मर जाऊँगा जुदा होकर
तेरे बग़ैर हूँ ज़िंदा कमाल है कि नहीं
नहीं कहा था जो देखोगे होश खो दोगे
बताओ यार मेरा बेमिसाल है कि नहीं
खिला रहा है जो बच्चों को तू मोहब्बत से
ये देख ले कि ये रोज़ी हलाल है कि नहीं
बुलंदियों पे पहुँचकर गिरे जो नज़रों से
तुम्ही बताओ कि ये भी ज़वाल है कि नहीं
ख़ुद अपने आपको माज़ी से जोड़ने वाले
बता कि तुझमें वो जाह-ओ-जलाल है कि नहीं
रज़ा बताओ कि तर्क-ए-तअल्लुक़ात के बाद
हमारे जैसा ही उनका भी हाल है कि नहीं
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