ये दिल है बे-क़रार  मदीना  बुलाइए

  - SALIM RAZA REWA

ये दिल है बे-क़रार  मदीना  बुलाइए
है  ख़ुशनुमा बहार मदीना  बुलाइए

नबियों के तुम नबी हो ख़ुदा के हबीब हो
ऐ  मेरे  ग़म - गुसार मदीना बुलाइए

जब से सुना है गुम्बद-ए-ख़ज़रा का मरतबा
दिल  को  नहीं  क़रार मदीना बुलाइए

रंज-ओ-अलम में हमने गुज़ारे हैं रात दिन
रोते  हैं  ज़ार  ज़ार  मदीना  बुलाइए

कर लें दुआ क़ुबूल कि आ जाए न क़ज़ा
सुन  लीजिए  पुकार  मदीना   बुलाइए

रब ने गुनाह बख़्शे हैं सदक़े में आपके
हम भी  हैं  गुनहगार मदीना बुलाइए

तड़पे रज़ा मदीने में जाने को सोचकर
मुझको भी एक  बार  मदीना  बुलाइए

  - SALIM RAZA REWA

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