जिसका दीद मयस्सर नइँ लोगों को उसको छूऊँ मैं
इससे ज़्यादा और मुहब्बत में याँ मिसाल क्या दूँ मैं
तुम जिसके साथ दो क़दम चलने की तमन्ना रखते हो
उसके साथ तो इक उम्र का सफ़र करके आया हूँ मैं
As you were reading Shayari by Sandeep dabral 'sendy'
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