मैं भी उस दिन ख़ुशी से झूम जाता तो - ABhishek Parashar

मैं भी उस दिन ख़ुशी से झूम जाता तो
तेरे होठों पे मेरा नाम आता तो

बड़ा मायूस हो कर घर गया था मैं
तेरे क़िस्से अगर मैं भी सुनाता तो

भरी महफ़िल में हो जाता तू भी बदमान
अगर मैं बेवफ़ा कह कर बुलाता तो

कि उसने हाथ की नस काट ली होगी
तेरी खा़तिर अगर मैं ज़हर खाता तो

तू मुझसे जिस तरह बातें बनाती थी
अगर मैं भी यूँ ही बातें बनाता तो

तू जैसे छोड़ कर मुझको गई थी जाँ
मैं भी ऐसे ही तुझको छोड़ जाता तो

- ABhishek Parashar
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