सहने दिल में जो पड़े आपकी तस्वीर के पाँव - 'Amaan' Haider

सहने दिल में जो पड़े आपकी तस्वीर के पाँव
आसमाँ छूने लगे हैं मेरी तक़दीर के पाँव

उनके कूचे में पहुँचने ही नहीं देंगी दोस्त
काट देंगी ये हवाएँ मेरी तक़रीर के पाँव

पहले दौड़ाता हूँ इसको सरे दश्ते काग़ज़
फिर क़लम से मैं कलम करता हूँ तहरीर के पाँव

दौड़ती फिरती है दिन में तो ये बच्चों की तरह
शाम होती है तो कट जाते हैं तनवीर के पाँव

बाप के हाथों पे आ जायेगा गहवारे से
ये ज़मीं छू न सकेगी कभी बेशीर के पाँव

क्या था सामान- ए- सफ़र ख़्वाब- ए- ब्राहीम बता
कर्बला आके रुके हैं तेरी ताबीर के पाँव

- 'Amaan' Haider
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