आइने और आबगीने तोड़ डालो
दिल नज़र के सब नगीने तोड़ डालो
ख़ुश-गुमानी और मुरव्वत जो रखे वो
दिल तो दिल है, तुम वो सीने तोड़ डालो
सब फ़रेब-ओ-जौर वाले खेल खेलो
रब्त वाले सब क़रीने तोड़ डालो
तुम को क्या उस पार किसका है ठिकाना
सैर-ए-साहिल तुम सफ़ीने तोड़ डालो
इस्मत-ओ-इफ़्फ़त वक़ार-ओ-आबरू फिर
चाहे जिस का हाथ छीने तोड़ डालो
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