दवा से हल न हुआ तो दुआ पे छोड़ दिया
तिरा मोआमला हम ने ख़ुदा पे छोड़ दिया
बहुत ख़याल रखा मेरा और दरख़्तों का
फिर उस ने दोनों को आब-ओ-हवा पे छोड़ दिया
मुआफ़ वो करें जिन का क़ुसूर-वार है तू
अदालतों ने तुझे किस बिना पे छोड़ दिया
बग़ैर कुछ कहे मैं ने पलटने का सोचा
और एक फूल दर-ए-इल्तिजा पे छोड़ दिया
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