जो चाहते थे आप मैं गोया नहीं लगा
शुक्र-ए-खुदा मैं आपको अच्छा नहीं लगा
इस बार अश्क कर चुके क़ीमत अदायगी
इस बार तेरा जाना भी ज़ाया नहीं लगा
इक वक़्त जब था हम सा नहीं ख़ास कोई भी
इक वक़्त आया उसको मै बंदा नहीं लगा
ऐसा न हो कि लोग तुझे भूलने लगें
अपने तू आने जाने पे पहरा नहीं लगा
नज़दीक वाली दूरी भी पहचान ली गई
जब सर को तेरा शाना वो शाना नहीं लगा
जाने पे उसके यारों बहुत ही बुरा लगा
लेकिन वो तुमसे पूछे तो कहना नहीं लगा
हर बार ही निशाने पे लगता नहीं है ना
इस बार अपना तीर भी माना नहीं लगा
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