सुकूँ में हो अगर तुम तो है ऐसी बेकरारी क्यों
अगर सब दरमियाँ अच्छा है तो फिर राज़दारी क्यों
अलग जो हो चुके हो तुम तो जीने दो मुझे खुद से
मैं किसके साथ हूँ इसकी है तुमको जानकारी क्यों
गले लगना था जो हमसे वजह की थी ज़रूरत क्या
बहाना डरने का कर के की तुमने होशियारी क्यों
तेरा मन भर गया है मुझसे तो जाना है मुझसे दूर
बताओ तुम मुझे सीधे दलीलें इतनी सारी क्यों
जो अपने आप पर बीती तो हाकिम ने वही पूछा
ज़रा सी बात पर होते हैं ये फरमान जारी क्यों
ये मन लगता नहीं है क्यों किसी भी काम में आकिब
किसी ज़ालिम के जाने पर है ऐसी सोगवारी क्यों
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