वादे किए थे जिसने कभी हीर की तरह - Anas Khan

वादे किए थे जिसने कभी हीर की तरह
वो भी बदल गई मेरी तक़दीर की तरह

उसने तबाह करदिया मुझको ही एक दिन
जिसको रखा सँभाल के जागीर की तरह


उसने कहा था बात को दिल से लगाना मत

दिल पर लगी थी बात वही तीर की तरह
कैसे अलग रहें भला इक दूसरे से हम

मैं और रंज हैं मियाँ हमशीर की तरह
अब क़ैद में रखेंगी तुझे उम्र भर अनस

यादें गले पड़ी हैं जो ज़ंजीर की तरह

- Anas Khan
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