rula de tujhko bhi rona hamaara | रुला दे तुझको भी रोना हमारा

  - Mohd Arham

rula de tujhko bhi rona hamaara
bas itna gahra ho rishta hamaara

kabhi to ho hamein jaane kii jaldi
kabhi to roke tu rasta hamaara

kare tu minnaten milne kii mujhse
kahoon main zaaya hai milna hamaara

khafa vo mujh se hai is baat pe ab
ki hota kyun nahin jhagda hamaara

zara sii der ko sadme mein ho ham
zara sii der ho milna hamaara

रुला दे तुझको भी रोना हमारा
बस इतना गहरा हो रिश्ता हमारा

कभी तो हो हमें जाने की जल्दी
कभी तो रोके तू रस्ता हमारा

करे तू मिन्नतें मिलने की मुझसे
कहूँ मैं ज़ाया है मिलना हमारा

ख़फ़ा वो मुझ से है इस बात पे अब
कि होता क्यों नहीं झगड़ा हमारा

ज़रा सी देर को सदमे में हो हम
ज़रा सी देर हो मिलना हमारा

  - Mohd Arham

More by Mohd Arham

As you were reading Shayari by Mohd Arham

Similar Writers

our suggestion based on Mohd Arham

Similar Moods

As you were reading undefined Shayari