ये मोहब्बत का क्या किया मैंने - Hasan Raqim

ये मोहब्बत का क्या किया मैंने
सबको अपना बना लिया मैंने

रेत पर नाम लिख दिया तेरा
लहर को फिर डरा दिया मैंने

आँख नम थी तो मुस्कुरा बैठा
इस तरह गम छुपा लिया मैंने

एक कश्ती डुबा के बामुश्किल
एक तूफ़ाँ बचा लिया मैंने

उसकी सूरत पे लाख चेहरे थे
एक चेहरा हटा दिया मैंने

- Hasan Raqim
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