कहीं एक रोज़, जो उनसे नज़र मिल जाए, अच्छा हो
सुकूं इस दिल को भी मेरे अगर मिल जाए अच्छा हो
है इतनी तो खबर, वो रहने वाले किस शहर के हैं
कि बस अब सैकड़ों में, उनका घर मिल जाए, अच्छा हो
वो बनकर हमसफर गर, चल दिये मेरी ही राहों को
कभी न खत्म हो ऐसा सफर मिल जाए, अच्छा हो
हाँ, वैसे तो उन्हे मालूम है सब कुछ मगर, राक़िम
तेरी चाहत की भी, उनको खबर मिल जाए, अच्छा हो
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