jaise koii dua hai mujhe ishq ho gaya
ik khwaab lag raha hai mujhe ishq ho gaya
ye dil hai mera is pe koii bas nahin huzoor
maine nahin kiya hai mujhe ishq ho gaya
har marz ka ilaaj hai ulfat bhari nigaah
har dard kii dava hai mujhe ishq ho gaya
kisne kaha ye aapse uska pata to den
maine to khud suna hai mujhe ishq ho gaya
kya aapko pata hai ki main hosh mein nahin
kya aapko pata hai mujhe ishq ho gaya
जैसे कोई दुआ है मुझे इश्क़ हो गया
इक ख़्वाब लग रहा है मुझे इश्क़ हो गया
ये दिल है मेरा इस पे कोई बस नहीं हुज़ूर
मैंने नहीं किया है मुझे इश्क़ हो गया
हर मर्ज़ का इलाज है उल्फ़त भरी निगाह
हर दर्द की दवा है मुझे इश्क़ हो गया
किसने कहा ये आपसे उसका पता तो दें
मैंने तो ख़ुद सुना है मुझे इश्क़ हो गया
क्या आपको पता है कि मैं होश में नहीं
क्या आपको पता है मुझे इश्क़ हो गया
As you were reading Shayari by Rohit tewatia 'Ishq'
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