बड़ी ही दूर ले आए वतन से क़ाफ़िला देखो
नहीं कुछ देख सकते तो हमारा हौसला देखो
मोहब्बत शौक़ से कर ली मगर ये दर्द देती है
मेरे मालिक मेरी सुन लो हमारा मसअला देखो
नदी से ख़ून बहता था जिसे हम नील कहते हैं
हमारा जोश तुम देखो हमारा वलवला देखो
जिसे अपना समझते थे वही क़ातिल हमारा है
कि हमने इश्क़ पाला था मगर बिच्छू पला देखो
हमें दुश्मन समझते हैं हमीं ने घर बसाया था
हमें कैसे गया मारा हमारा घर जला देखो
इधर आओ कोई देखो हमारा हाल कैसा है
सुनाते हैं जिन्हें हम ग़म वो कहते हैं फ़ला देखो
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