kah diya kisne naa-sazaa hai ishq | कह दिया किसने ना-सज़ा है इश्क़

  - A R Sahil "Aleeg"

kah diya kisne naa-sazaa hai ishq
koii pooche hamein ki kya hai ishq

jaan aaft mein aa gai hai dost
aisa lagta hai ho gaya hai ishq

haaye is ishq ko bhi kya kahiye
baarha unko ho raha hai ishq

log karte hain ishq chhup chhup ke
aur apna to barmala hai ishq

sab kii apni alag kahaani hai
sab ka apna juda juda hai ishq

ishq mein log bewafa hain laakh
ishq ko dekh baawfa hai ishq

ishq waalon kii ek duniya hai
jismein khud banda aur khuda hai ishq

ishq se aage kuchh nahin hota
meer jee khud mein intiha hai ishq

dil ye kehta hai ishq mat kariye
aql ka mujh ko mashwara hai ishq

aap saahil pe hain salaamat hain
ham ko dariya mein le maraa hai ishq

कह दिया किसने ना-सज़ा है इश्क़
कोई पूछे हमें कि क्या है इश्क़

जान आफ़त में आ गई है दोस्त
ऐसा लगता है हो गया है इश्क़

हाए इस इश्क़ को भी क्या कहिये
बारहा उनको हो रहा है इश्क़

लोग करते हैं इश्क़ छुप छुप के
और अपना तो बरमला है इश्क़

सब की अपनी अलग कहानी है
सब का अपना जुदा जुदा है इश्क़

इश्क़ में लोग बेवफ़ा हैं लाख
इश्क़ को देख बावफ़ा है इश्क़

इश्क़ वालों की एक दुनिया है
जिसमें ख़ुद बंदा और ख़ुदा है इश्क़

इश्क़ से आगे कुछ नहीं होता
मीर जी ख़ुद में इंतिहा है इश्क़

दिल ये कहता है इश्क़ मत करिए
अक़्ल का मुझ को मशवरा है इश्क़

आप साहिल पे हैं सलामत हैं
हम को दरिया में ले मरा है इश्क़

  - A R Sahil "Aleeg"

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