मंज़र पानी पानी है - Deepak Vikal

मंज़र पानी पानी है
आँखों में वीरानी है

वो जो है इक बर्फ़ नदी
भीतर बहता पानी है

मैं भी ज़िंदा रहता पर
दुनिया भी तो फ़ानी है

सूरज पे काला धब्बा
उसकी कारस्तानी है

अब तो ख़्वाबों की दुनिया
बिल्कुल ही अनजानी है

हम आदम के बच्चे थे
लेकिन बात पुरानी है

नाम रहेगा राजा का
जंग में आगे रानी है

ख़त्म कहानी कैसे हुई
ये भी एक कहानी है

- Deepak Vikal
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