यह भी क्या गठबंधन है
सब कुर्सी का क्रंदन है
जनता को मालूम है सब
यह केवल ठगबंधन है
गिद्धों और सियारों के
माथे पर भी चंदन है
साँप छछूंदर पकड़न में
सत्ता-छोरी का तन है
सच्चे राष्ट्र उपासक को
जान चुका अब जन-जन है
भारत में आतंकी को
सिर्फ़ धना-दन-दन-दन है
विश्व प्रणेता राष्ट्र तेरी
छाती पूरी छप्पन है
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