ज़रा देर आप ठहरो अभी कुछ दिखा कहाँ है
सभी दिल टटोल डाले छुपा तू ख़ुदा कहाँ है
तेरी बन्दगी में ग़ाफ़िल हुआ कब से रो रहा हूँ
मुझे ख़ाक-ए-पा बना ले तेरा मर्तबा कहाँ है
मेरी रहगुज़र में मिलना मिलो आप जो किसी से
मैं भी देखूँ इक नज़र ख़ुद मेरा रहनुमा कहाँ है
मिले आज तक मुझे जो सभी बेवफ़ा मिले हैं
रही बात अब तेरी बस तुझे देखना कहाँ है
कहीं बेसहारा बंदे कहीं मुफ़लिसों की आहें
ये बताओ शाह-ए-बतहा तेरा आसरा कहाँ है
तुझे पाएगा यक़ीनन है ये 'नित्य' को भरोसा
मुझे रोक पाए ऐसा भला हौसला कहाँ है
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