हमें दुनिया ने आख़िर में दिया क्या है
तुम्हें ही खो दिए तो फिर बचा क्या है
हमें तुमसे मुहब्बत है तो है समझो
वगरना यार चेहरों में रखा क्या है
उसी के छल-कपट हैं दुनिया में बिखरे
नहीं तो सोचो अच्छा क्या बुरा क्या है
हमें तू छोड़ने से पहले ये बतला
कि जान-ए-मन हमारी याँ ख़ता क्या है
कई साए हमें छू कर गुज़रते हैं
हमारे भाग्य में आख़िर लिखा क्या है
तुम्हारे बिन हमें जीना पड़ेगा अब
मगर ये तो बताओगे हुआ क्या है
लगी रहती है इज़्ज़त दाँव पे हरदम
मियाँ राह-ए-मुहब्बत में जुआ क्या है
बिता दी उम्र सारी मंदिरों में ही
पुजारी जानता ही नइँ मज़ा क्या है
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