फूल से ख़ुशबुओं को चुराया करो
बाग़ से तितलियों को उडाया करो
अब मियानों का नुस्ख़ा पुराना हुआ
फूल में ख़ंजरों को छुपाया करो
सर्दियों में तुम्हारी ही दरकार है
धूप खुलती है तुम मुस्कुराया करो
टूटकर चाहना सबको अच्छा नहीं
इस तरह सबसे दिल मत लगाया करो
जीत बैठो भले दुनिया भर को मगर
कुछ बुज़ुर्गों को लाठी थमाया करो
बूढ़ी आँखें तरस जाती हैं ख़ून को
बूढ़ी अम्मा को थोड़ा हँसाया करो
तुमको अल्लाह ने बस यही है कहा
अहल-ए-दिल वालों के दिल दुखाया करो
चाहते हो अगर रिश्ता काएम रहे
अक़्ल दहलीज़ पे रख के आया करो
सादगी से अगर इतनी नफ़रत है तो
मेरे जैसों से दिल मत लगाया करो
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