फूल से ख़ुशबुओं को चुराया करो - Rakesh Mahadiuree

फूल से ख़ुशबुओं को चुराया करो
बाग़ से तितलियों को उडाया करो

अब मियानों का नुस्ख़ा पुराना हुआ
फूल में ख़ंजरों को छुपाया करो

सर्दियों में तुम्हारी ही दरकार है
धूप खुलती है तुम मुस्कुराया करो

टूटकर चाहना सबको अच्छा नहीं
इस तरह सबसे दिल मत लगाया करो

जीत बैठो भले दुनिया भर को मगर
कुछ बुज़ुर्गों को लाठी थमाया करो

बूढ़ी आँखें तरस जाती हैं ख़ून को
बूढ़ी अम्मा को थोड़ा हँसाया करो

तुमको अल्लाह ने बस यही है कहा
अहल-ए-दिल वालों के दिल दुखाया करो

चाहते हो अगर रिश्ता काएम रहे
अक़्ल दहलीज़ पे रख के आया करो

सादगी से अगर इतनी नफ़रत है तो
मेरे जैसों से दिल मत लगाया करो

- Rakesh Mahadiuree
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