सुख उसका है दुख उसका है तो काहे का रोना है
दौलत उसकी शोहरत उसकी क्या पाना क्या खोना है
चाँद-सितारे उससे रौशन फूलों में उससे ख़ुश्बू
ज़र्रे-ज़र्रे में वो शामिल वो चांदी वो सोना है
सारी दुनिया का वो मालिक हर शय उसके क़ब्ज़े में
उसके आगे सब कुछ फीका क्या जादू क्या टोना है
गॉड ख़ुदा भगवान कहो या ईश्वर अल्लाह उसे कहो
वो ख़ालिक है वो मालिक है उसका कोना-कोना है
ख़ुशियों के वो मोती भर दे या ग़म की बरसात करे
वो मालिक है सारे जग का जो चाहे सो होना है
इक रस्ता जो बंद किया तो दस रस्ते वो खोलेगा
उसपे भरोसा रख तू प्यारे जो लिक्खा वो होना है
साँसों पे उसका है पहरा धड़कन है उसके दम से
जिस्म रज़ा है मिट्टी का तो क्या रोना क्या धोना है
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