ghamon kii lazzat chura ke le ja meri masarrat chura ke le ja | ग़मों की लज़्ज़त चुरा के ले जा मेरी मसर्रत चुरा के ले जा  

  - SALIM RAZA REWA

ghamon kii lazzat chura ke le ja meri masarrat chura ke le ja
ya zauq-e-ulfat chura ke le ja ya dil kii hasrat chura ke le ja

qadam qadam par ujaala ban kar ye saath degi tera hamesha
meri sakhawat chura ke le ja meri sharaafat churaake le ja

bana sake to bana le koii hamaare jaisa tu ek chehra
ye meri soorat chura ke le ja ye meri rangat chura ke le ja

karam ka gulshan khilega ik din mujhe bharosa hai mere rab par
bhale ye himmat chura ke le ja bhale ye taqat chura ke le ja

ye meri dhadkan ye meri saansen ye jism mera hai ik amaanat
tu meri daulat chura ke le ja tu meri shohrat chura ke le ja

mera hunar to ata-e-rab hai ise churaana bahut hai mushkil
tu meri aadat chura ke le ja tu meri fitrat chura ke le ja

ग़मों की लज़्ज़त चुरा के ले जा मेरी मसर्रत चुरा के ले जा  
या ज़ौक़-ए-उल्फ़त चुरा के ले जा या दिल की हसरत चुरा के ले जा

क़दम क़दम पर उजाला बन कर ये साथ देगी तेरा हमेशा
मेरी सखावत चुरा के ले जा मेरी शराफ़त चुराके ले जा 

बना सके तो बना ले कोई हमारे जैसा तू एक चेहरा 
ये मेरी सूरत चुरा के ले जा ये मेरी रंगत चुरा के ले जा

करम का गुलशन खिलेगा इक दिन मुझे भरोसा है मेरे रब पर 
भले ये हिम्मत चुरा के ले जा भले ये ताक़त चुरा के ले जा

ये मेरी धड़कन ये मेरी साँसें ये जिस्म मेरा है इक अमानत 
तू मेरी दौलत चुरा के ले जा तू मेरी शोहरत चुरा के ले जा

मिरा हुनर तो अता-ए-रब है इसे चुराना बहुत है मुश्किल
तू मेरी आदत चुरा के ले जा तू मेरी फ़ितरत चुरा के ले जा

  - SALIM RAZA REWA

More by SALIM RAZA REWA

As you were reading Shayari by SALIM RAZA REWA

Similar Writers

our suggestion based on SALIM RAZA REWA

Similar Moods

As you were reading undefined Shayari