ये कौन आ गया है तन्हा-सी ज़िन्दगी में

  - Shivpriya Nagpuri

ये कौन आ गया है तन्हा-सी ज़िन्दगी में
शरमा गया है चेहरा महबूब की गली में

दिल की लगी तो हमको महँगी पड़ी है यारों
अच्छा बुरा न देखा बे-सब्र दिल-लगी में

ऑफ़िस में रात-दिन बस घंटों हिसाब जोड़ें
कितना कमा लिया है बतलाओ नौकरी में

ये ज़िंदगी दुबारा मिलती नहीं किसी को
फूलों-सा रंग भर दो तन्हा-सी ज़िन्दगी में

  - Shivpriya Nagpuri

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