आ गया है वक़्त-ए-रुख़्शत,अलविदा
दीजिए हमको इजाज़त,अलविदा
बाँध के बैठा हूँ मैं रख़्त-ए-सफ़र
चंद यादें और वहशत,अलविदा
अब मेरा जाना करो आसान तुम
तोड़ दो जंजीर-ए-निस्बत,अलविदा
दर्द का कुल्ज़ुम रही है ज़िंदगी
मौत ले आई है राहत,अलविदा
माफ़ करना दिल दुखाया हो कभी
अब न आएगी शिकायत,अलविदा
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