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Top 10 of
Zia Mazkoor
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Zia Mazkoor
ये बात सोच के तेरे हुए हैं हम दोनों
के तुझ को ले के बहुत लड़ चुके हैं हम दोनों
ये सरहदे तो अभी कल बनी है मेरे दोस्त
हजारों साल इकट्ठे रहे हैं हम दोनों
कोई तो था वो जो अब हाफ़िज़े का हिस्सा नहीं
वो बात क्या थी जो भूले हुए हैं हम दोनों
तुम ऐसी बात किसी को नहीं बताऊंगी
मुझे लगा था बड़े हो चुके हैं हम दोनों
हजारों जोड़े गुलाबों में छुप के बैठे हैं
ये और बात के पकड़े गए हैैं हम दोनों
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Zia Mazkoor
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हवा चली तो उसकी शॉल मेरी छत पे आ गिरी
ये उस बदन के साथ मेरा पहला राब्ता हुआ
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तुम ने भी उन से ही मिलना होता है
जिन लोगों से मेरा झगड़ा होता है
उस के गाँव की एक निशानी ये भी है
हर नलके का पानी मीठा होता है
मैं उस शख़्स से थोड़ा आगे चलता हूँ
जिस का मैं ने पीछा करना होता है
बस हल्की सी ठोकर मारनी पड़ती है
हर पत्थर के अंदर चश्मा होता है
तुम मेरी दुनिया में बिल्कुल ऐसे हो
ताश में जैसे हुकुम का इक्का होता है
कितने सूखे पेड़ बचा सकते हैं हम
हर जंगल में लक्कड़हारा होता है
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Zia Mazkoor
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खुदा का शुक्र मेरा ठेकेदार अच्छा है
वगरना कौन ज़हीफों से काम लेता है
मिशाल खान तेरी उंगलियां नहीं टूटी
हमारी माओं के होटों का लम्स टूटा है
मैं उस हथेली पे रौशन हुआ , उसके बाद
वही हुआ जो चिराग़ों के साथ होता है
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Zia Mazkoor
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वक़्त ही कम था फ़ैसले के लिए
वर्ना मैं आता मशवरे के लिए
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हम को नीचे उतार लेंगे लोग
इश्क़ लटका रहेगा पंखे से
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दौलत, शुहरत, बीवी, बच्चे, अच्छा घर और अच्छे दोस्त
कुछ तो है जो उनके बाद भी हासिल करना बाक़ी है
कभी-कभी तो दिल करता है चलती रेल से कूद पड़ूॅं
फिर कहता हूॅं...पागल अब तो थोड़ा रस्ता बाक़ी है
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Zia Mazkoor
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ये उसकी मोहब्बत है कि रुकता है तेरे पास
वरना तेरी दौलत के सिवा क्या है तेरे पास
Zia Mazkoor
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अब बस उसके दिल के अंदर दाखिल होना बाकी है
छह दरवाजे़ छोड़ चुका हूं एक दरवाज़ा बाकी है
दौलत शोहरत बीवी बच्चे अच्छा घर और अच्छे दोस्त
कुछ तो है जो इनके बाद भी हासिल करना बाक़ी है
मैं बरसों से खोल रहा हूं एक औरत की साड़ी को
आधी दुनिया घूम चुका हूं आधी दुनिया बाकी है
कभी-कभी तो दिल करता है चलती रेल से कूद पड़ूॅं
फिर कहता हूॅं पागल अब तो थोड़ा रस्ता बाक़ी है
उसकी खातिर बाजारों में भीड़ भी है और रोनक भी
मैं गुम होने वाला हूं बस हाथ छुड़ाना बाकी है
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Zia Mazkoor
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एक नज़र देखते तो जाओ मुझे
कब कहा है गले लगाओ मुझे
तुमको नुस्खा भी लिख के दे दूंगा
ज़ख्म तो ठीक से दिखाओ मुझे
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Zia Mazkoor
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