इश्क़ में हद से बढ़ सकती है बेहतर है - DEVANSH TIWARI

इश्क़ में हद से बढ़ सकती है बेहतर है
सीप में मोती गढ़ सकती है बेहतर है

ख़ामोशी भी सुन सकती है वो लड़की
मतलब आँखें पढ़ सकती है बेहतर है

सूरत से राहत मिलती है आँखों को
सीरत सिर पर चढ़ सकती है बेहतर है

इस आलम की सबसे रौशन वो लड़की
जग तारों से मढ़ सकती है बेहतर है

उससे मिलकर लाज़िम है संजीदापन
दिल की धड़कन बढ़ सकती है बेहतर है

- DEVANSH TIWARI
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