रफ़्ता रफ़्ता आपसे नज़रें मिलाना या-ख़ुदा
रफ़्ता रफ़्ता आपका नज़रों पे छाना या-ख़ुदा
एक तो आशिक़ की क़िस्मत में जुदाई आ गई
और फिर ये बे-करम ज़ालिम ज़माना या-ख़ुदा
वो मिरे काँधे पे रख कर सर तिरा यूँ बोलना
ज़िन्दगी भर साथ का वादा निभाना या ख़ुदा
इक तरफ़ नाकामियाँ बर्बादियाँ बेचैनियाँ
इक तरफ़ वो आपका दामन छुड़ाना या-ख़ुदा
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