विसाल-ओ-फ़िक्र-ओ-हिजरत के अलावा भी बहुत कुछ है

  - Praveen Sharma SHAJAR

विसाल-ओ-फ़िक्र-ओ-हिजरत के अलावा भी बहुत कुछ है
मुहब्बत में मुहब्बत के अलावा भी बहुत कुछ है

मेरे ख़त को तू जब पढना ज़रा सा ध्यान से पढ़ना
मेरे ख़त में शिकायत के अलावा भी बहुत कुछ है

शरीफों से न उलझो दोस्त इन में एक ख़ामी है
शरीफ़ों में शराफ़त के अलावा भी बहुत कुछ है

अगर मर्दों का मत है तो है उसका एक मतलब मत
मगर औरत का मत मत के अलावा भी बहुत कुछ है

  - Praveen Sharma SHAJAR

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