उसको जब मैं पास बिठाया करता था
दुनिया जैसे भूल ही जाया करता था
भोली थी वो चाँद से खेला करती थी
मैं जुगनू को चाँद बताया करता था
इतना खो जाता था उसकी आँखों में
चिड़िया उड़ में भैंस उड़ाया करता था
देव आनंद हुआ करता था उसका मैं
और किशोर के गाने गाया करता था
वो भी मुझसे इश्क़ की बातें करती थी
मैं भी उसके ख़्वाब में आया करता था
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