मिलेगी अश्कों की ख़ैरात दिल के मक़तल में
ग़मों से होगी मुलाक़ात दिल के मक़तल में
ग़मों की हो गई बरसात दिल के मक़तल में
शहीद हो गए जज़्बात दिल के मक़तल में
ये बात सच है उदासी का दम निकल जाए
अगर गुज़ार दे इक रात दिल के मक़तल में
लबों पे आँखों की नौहा है ख़ूँ है दामन पर
लुटी है ख़ुशियों की बारात दिल के मक़तल में
शजर यक़ीं करो ये कह के रो पड़े जज़्बात
नहीं गुज़रते हैं लम्हात दिल के मक़तल में
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