चाहे दुनिया में मियाँ दो-चार से बातें करो
जब करो बस साहिब-ए-किरदार से बातें करो
ख़ुशियों की महफ़िल से ख़ुशियों से तुम्हें क्या फ़ायदा
ग़मज़दा हो जाओ तुम ग़म-ख़्वार से बातें करो
लुत्फ़ शीरींदार लहजे का अगर दरकार है
तो चलो वाइज़ हमारे यार से बातें करो
गर तरक़्क़ी-याब होने की तमन्ना है तुम्हें
दोस्तों फिर वक़्त की रफ़्तार से बातें करो
क़ैद-ख़ाने में शजर तन्हाई ने मुझसे कहा
अब अँधेरों से दर-ओ-दीवार से बातें करो
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