मेरे कूचे को बयाबान कहा जाता है
उसके कूचे को परीस्तान कहा जाता है
बज़्म-ए-शोरा की उन्हें जान कहा जाता है
और हमें चाक गरेबान कहा जाता है
बाएँ रुख़सार की करवट में है जो तिल काला
वो तेरे हुस्न पे दरबान कहा जाता है
जिसका ईमान हो इमरान तेरे हैदर पर
वो बशर साहिब-ए-ईमान कहा जाता है
फ़र्ज़ है इसलिए हर शख़्स पे तौक़ीर-ए-शजर
सल्तनत का उसे सुलतान कहा जाता है
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